नफरत की आदत नहीं थी ,उनसे,...........
फिर भी चंद लम्हों तक नफ़रत करने की कोशिश की..........
नहीं कर सका नफ़रत मै उनसे,.............
क्यूंकि, इस नासूर सी ज़िन्दगी में एक वही तो थीं,
जिसने जीने की चाहत दी.............
नफ़रत की आदत नहीं थी , उनसे,.........
फिर भी.........
सोचा की दूर चला जाऊ उनसे,.........
फिर याद आई, दिल के आशियाने में एक वही तो थी ,
जिसने मोहब्बत दी........
नफरत की आदत नहीं थी, उनसे,.........
फिर भी..........
आईने के सामने खड़े होकर,......
सोचता रहा मै, की बस उनसे इतनी ही,
आशिकी की........
नफ़रत की आदत नहीं थी, उनसे,........
फिर भी..........
बंद कमरे में उनको,.........
कोशता रहा , उनकी बेवफाई पर, क्या,
मैंने उनसे वाफाई की??????????
नफ़रत की आदत नहीं थी उनसे,..............
फिर भी, चंद लम्हों तक नफ़रत करने की कोशिश की.......................
Saturday, May 15, 2010
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6 comments:
gadar hai bhai.......!
Hats-off to you Rahasya
yar dil ki filling likh diya kya........
mast hai
really gud......
wo kaun thi??????
garda kr diya bhai.......jiyooooooo
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